Monday, February 02, 2015

ईसाई समुदाय से हिंदू धर्म में लौटे सौ आदिवासी

माघ शुक्ल पक्ष चतुर्दशी, कलियुग वर्ष ५११६
पानागढ़ (बंगाल) - वीरभूम जिले के रामपुरहाट के खड़मडांगा गांव में विश्व हिंदू परिषद ने शिविर लगाकर बुधवार को एक सौ क्रिश्चन (ईसाई) आदिवासियों को विधि विधान के साथ हिंदू धर्म में पुर्नप्रवेश दिया । उन्हें धर्मांतरण के बाद हिंदू धर्म की दीक्षा दी गयी। अनुष्ठान में संगठन के राष्ट्रीय नेता प्रवीण तोगड़िया मुख्य रूप से उपस्थित थे। धर्मातरण की इस घटना के बाद जिले के राजनीतिक दलों में खलबली मच गयी है।विहिप नेता युगल किशोर के नेतृत्व में बुधवार को धार्मिक शिविर लगाया गया। वैदिक मंत्रों के बीच इस अनुष्ठान को संपन्न कराया गया। इन आदिवासियों को हिंदू धर्म की दीक्षा दी गयी है। इसके बाद उन्हें विहिप की सदस्यता भी दी गयी। घरवापसी करने वाले आदिवासियों ने कहा कि उन्होंने स्वेच्छा से धर्मातरण किया है। इस धर्म के प्रति उनकी आस्था है। तोगड़िया ने कहा कि इस इलाके में दशकों पूर्व सभी आदिवासी हिंदू धर्म से जुड़े थे। कुछ बाहरी शक्तियों ने इन्हें बहला-फुसला कर इनका धर्म परिवर्तन कर दिया था। इस अनुष्ठान से इनकी वापसी हो रही है।

घर वापसी हुई है : विहिप

विहिप नेता युगल किशोर ने कहा कि आनेवाले समय में भी ऐसे शिविर लगाये जायेंगे। आदिवासियों को लालच देकर ही उन्हें समाज के काट कर अलग रखा जाता है। उन्होंने कहा कि इन आदिवासियों की घर वापसी हुई है। अनुष्ठान के बाद आदिवासियों ने सामूहिक नृत्य व सांस्कृतिक अनुष्ठान आयोजित किया। राज्य में हाल के दशकों में धर्मातरण की यह पहली घटना है।
स्त्रोत : प्रभात खबर

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